टीम ट्रिकीस्क्राइब: ईडी ने संजीव हंस के करीबियों और उनकी काली कमाई का निवेश करने वाले 13 ठिकानों पर छापेमारी की। ये ठिकाने दिल्ली, गुड़गांव, कोलकाता और नागपुर में स्थित थे। तलाशी के दौरान गुड़गांव में 16 लाख की विदेशी मुद्रा और 23 लाख रुपये नकद बरामद हुए। इसके अलावा, दर्जनों बैंक खाते, डिजिटल साक्ष्य और कई अहम दस्तावेज मिले हैं।
यह भी पता चला है कि इन ठिकानों से मिले सबूतों के अनुसार, 60 करोड़ रुपये शेयर मार्केट में निवेश किए गए हैं। इन निवेशों को काली कमाई को ठिकाने लगाने के लिए डीमैट खातों के जरिए किया गया है।
70 बैंक खातों में करोड़ों के लेनदेन का खुलासा
छापेमारी में 70 बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपये के लेनदेन के प्रमाण मिले हैं। प्रारंभिक जांच में 10 करोड़ रुपये से अधिक की राशि इन खातों में पाई गई है।
रियल एस्टेट में 20 करोड़ का निवेश
दिल्ली और गुड़गांव के ठिकानों पर तलाशी में यह भी पता चला है कि रियल एस्टेट कंपनियों में 20 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। यह राशि विभिन्न प्रोजेक्ट्स और कंपनियों के माध्यम से लगाई गई है।
ईडी अब इन सभी सबूतों की गहन जांच कर रही है ताकि इस मामले में जुड़े अन्य पहलुओं का खुलासा हो सके।
पत्नी समेत कई पर शिकंजा
आईएएस संजीव हंस मामले में जैसे-जैसे ईडी की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे आरोपियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। ईडी ने इस हफ्ते संजीव हंस की पत्नी हरलोविलीन कौर उर्फ मोना हंस, गुलाब यादव की पत्नियों एमएलसी अंबिका गुलाब यादव और माधवी गुलाब यादव को पेश होने का समन जारी किया है। इन तीनों से पटना स्थित ईडी कार्यालय में अलग-अलग समय पर पूछताछ की जाएगी।
हालांकि, एमएलसी अंबिका यादव ने ईडी को अपनी अस्वस्थता की सूचना देते हुए कुछ दिनों की मोहलत मांगी है। ईडी इस पर विचार कर रही है, लेकिन अब तक नए समन जारी नहीं किए गए हैं। यह पहली बार है जब ईडी मुख्य आरोपियों की पत्नियों से पूछताछ करेगी।
इस मामले में एसवीयू द्वारा दर्ज एफआईआर में मोना हंस और अंबिका यादव को नामजद आरोपी बनाया गया है, जबकि माधवी गुलाब यादव आरोपी नहीं हैं, लेकिन जांच में उनकी संलिप्तता और संपत्ति में उनकी भागीदारी सामने आई है।
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