टीम ट्रिकिस्क्राइब: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कसनी शुरू कर दी है। इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर चुनावी जोड़-तोड़ और दांव पेच देखने को मिलने वाले हैं। यह तस्वीर तो साफ हो चुकी है कि इस बार का चुनाव बिहार के लिए तो बेहद अहम होगा ही, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य कई कई पार्टियों के लिए भी बेहद खास होने वाला है। ये चुनाव कुछ चेहरों की किस्मत तय करेगा। तो वहीं, कुछ की किस्मत बदलने वाला भी साबित होने वाला है। वजह साफ है। इस बार के विधानसभा चुनाव में कई नई पार्टियां और कई नए चेहरे नजर आने वाले हैं। जो सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही चुनौती देंगे।
इस बार के चुनावी अखाड़े में प्रशांत किशोर और RCP सिंह दो नए खिलाड़ी नजर आने वाले हैं। ये दोनों ही चेहरे सीधी तौर पर नीतीश कुमार को ही चुनौती देते नजर आएंगे। यह दोनों राजनीतिक चेहरे कभी नीतीश कुमार के बेहद करीब के थे। और इन चेहरों पर नीतीश कुमार का बेहद भरोसा था। भरोसा इतना था कि दोनों चेहरों को नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी माना जा रहा था। लेकिन अब यह दोनों ही राजनीतिक चेहरे नीतीश कुमार की पार्टी से अलग हो चुके हैं। ये कभी जनता दल यूनाइटेड की दिशा और दशा तय करते थे। अब वही नीतीश कुमार के विरोध में है और चुनौती बनने वाले हैं।
याद दिलाते चलें कि किशोर अपनी पार्टी जन सुराज लॉन्च कर चुके हैं। उन्होंने आधिकारिक रूप से इस बात का ऐलान भी कर दिया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तमाम नीतियों को चुनौती भी है। उन्होंने नीतीश कुमार की शराब बंदी का खुलकर विरोध किया। और इस कानून को सरकार बनने पर पहले घंटे ही खत्म करने का ऐलान किया है।
इधर, दूसरी तरफ कभी जनता दल यूनाइटेड के मैन फ्राइडे कहे जाने वाले आरसीपी सिंह हैं। उन्होंने भी अपनी पार्टी लॉन्च करने का ऐलान कर दिया है। पार्टी का नाम तय कर दिया है। और वो अब पूरी तरीके से नीतीश कुमार के विरोध में ही खड़े हैं। अगर वोट बैंक की बात की जाए तो आरसीपी सिंह सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वोटरों पर डेंट करने वाले हैं। आरसीपी सिंह की निगाह कुर्मी और कोइरी वोट बैंकों पर है। जो नीतीश कुमार की पार्टी का कोर वोटर माना जाता है। अब देखने वाली बात होगी कि RCP सिंह और प्रशांत किशोर का काट नीतीश कुमार क्या निकालते हैं। मगर राजनैतिक गुणा गणित तो यही बताते हैं कि ये दोनों नेता नीतीश कुमार के लिए सर दर्द जरूर बनने वाले है।
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